मजदूर और हालात…
मजबूरी में जो निकला घर से कुछ मजदूरी करने,वही रह गया तकता देखो, इन हालातों में मरने। रोज़ी-रोटी ने उसे कितना दूर करवाया हैबचपन के यारों ने आज उसे घर…
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मजदूर और हालात…
मजबूरी में जो निकला घर से कुछ मजदूरी करने,वही रह गया तकता देखो, इन हालातों में मरने। रोज़ी-रोटी ने उसे कितना दूर करवाया हैबचपन के यारों ने आज उसे घर…
किसे डराती है दुनिया और किसे सलाम करती है,जो भी करती है अपने मतलब से करती है। नीति को राजनीति सिखाती है,भ्रष्टों को मालाएं पहनाती है,निभाती है हर फ़र्ज़ वो…